नई दिल्ली, 6 मई :- सीमा सुरक्षा बल (BSF) से बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव ने वाराणसी संसदीय सीट से निर्वाचन आयोग द्वारा नामांकन-पत्र रद्द किए जाने के खिलाफ सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
यादव ने आरोप लगाया कि उन्हें जानबूझकर चुनाव लड़ने से रोका गया, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी से आसान जीत सुनिश्चित हो सके।
यादव ने याचिका में कहा है कि निर्वाचन अधिकारी ने नामांकन पत्र के साथ प्रस्तुत किए गए बर्खास्तगी पत्र पर बिल्कुल ध्यान ही नहीं दिया।
याचिका में कहा गया है कि बर्खास्तगी पत्र में BSF से यादव की बर्खास्तगी का कारण बताया गया है, और वह कारण कथित अनुशासनहीनता है और भ्रष्टाचार में संलिप्तता या राज्य से दगाबाजी का कोई सबूत नहीं है।
यादव ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि वह निर्वाचन अधिकारी के एक मई के आदेश को दरकिनार कर दे और उन्हें वाराणसी से चुनाव लड़ने की अनुमति दे दे।
समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार यादव के नामांकन पत्र में कमियों का हवाला देकर उसे खारिज कर दिया गया। यादव का नामांकन इसलिए रद्द कर दिया गया, क्योंकि वह इस बात का सबूत नहीं पेश कर सके कि उनकी बर्खास्तगी भ्रष्टाचार के आरोपों पर नहीं हुई थी।
यादव ने पहले एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया था, लेकिन बाद में सपा ने उन्हें वाराणसी से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था।