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भाजपा ने आखिर क्यों नहीं उतारा करौली-धौलपुर लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी, जाने इसके पीछे की वजह

Why the BJP has not taken a stand for its candidate in the Karauli-Dholpur Lok Sabha elections
Why the BJP has not taken a stand for its candidate in the Karauli-Dholpur Lok Sabha elections

धौलपुर 03 अप्रैल :-  राजस्थान में दूसरे चरण में छह मई को होने वाले करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मजबूत प्रत्याशी तलाश रही हैं जबकि कांग्रेस ने संजय कुमार जाटव को अपना उम्मीदवार बनाकर नया चेहरा चुनाव मैदान में उतार चुकी है।
भाजपा का प्रत्याशी चयन के लिए मंथन जारी है और वह चुनाव जीतने के लिए जिताऊ प्रत्याशी तलाश रही है। करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें केवल धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की विधायक है। शेष सात विधानसभा क्षेत्रों में गैर भाजपाई विधायक हैं, जिनमें पांच कांग्रेस, एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) तथा एक निर्दलीय विधायक हैं।

क्षेत्र में मौजूदा सांसद भाजपा के मनोज राजोरिया हैं। श्री राजोरिया पर चुनाव जीतने के बाद मतदाताओं से दूरी बना कर रखने के आरोप भी लग रहे है वहीं रेल आमान परिवर्तन को लेकर भी मुद्दा बनने की संभावना है।

उधर कांग्रेस प्रत्याशी श्री जाटव बी टेक होने के साथ धौलपुर जिले का रहने वाले है और जाटव समुदाय से है। क्षेत्र में जाटव तथा बैरवा मतदाताओं की संख्या लगभग चार लाख है। जातिवाद, क्षेत्रवाद एवं जिले में विधानसभा चुनाव में ज्यादात्तर सीटों पर कांग्रेस का कब्जा होने तथा राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के कारण श्री जाटव अपनी जीत के प्रति आशान्वित हैं, जबकि भाजपा का अभी प्रत्याशी तय नहीं है लेकिन वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बढ़ते प्रभाव के कारण जीत के प्रति उत्साहित नजर आ रहे है।

इस क्षेत्र में धौलपुर जिले के किसी प्रत्याशी को पहली बार कांग्रेस की टिकट मिली है। अब तक कांग्रेस तथा भाजपा दोनों ने टिकट देने में धौलपुर जिले की उपेक्षा की है। जिले में अनुसूचित जाति के करीब पांच लाख मतदाता हैं, जिनमें से चार लाख मत जाटव और बैरवा के हैं। इनमें एक लाख मत हरिजन, खटीक, कोली, धोबी आदि शामिल हैं। कांग्रेस का प्रत्याशी जाटव है और इसका फायदा उन्हें पहुंचने की संभावना है। कांग्रेस के पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा धौलपुर जिले के बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इससे बैरवा मतदाताओं का फायदा भी मिलने की संभावना है।

हालांकि भाजपा के अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद ही चुनावी तस्वीर सामने आयेगी।

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