सिविल लाइन विधानसभा से बीजेपी उम्मीदवार अरुण चतुर्वेदी की विधायक चुनाव में हार हुई थी. अरुण चतुर्वेदी जो एक मंजे हुए राजनीति खिलाड़ी हैं उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार प्रताप सिंह खाचरियावास ने 15000 वोटों से मात दी. लेकिन क्या थी अरुण चतुर्वेदी के हारने की महत्वपूर्ण वजह जो आज तक अधिकतर लोगों को पता नहीं चली है तो आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों हारे बीजेपी उम्मीदवार अरुण चतुर्वेदी.
अरुण चतुर्वेदी के हारने का महत्वपूर्ण कारण था. जनसंपर्क जी हां अरुण चतुर्वेदी का जनता के साथ जनसंपर्क बिल्कुल नहीं था जिसके कारण जनता ने उन्हें अपना बहुमूल्य वोट नहीं दिया। जहां हम बात करें जनता की तो उनसे पूछे गए सवालों में उन्होंने कहा कि अरुण चतुर्वेदी ने पिछले 5 सालों में ऐसा कुछ भी काम नहीं कराया है जिससे जनता खुश हो और उन्हें अपना बहुमूल्य वोट दें. इसी बात को लेकर जनता ने अरुण चतुर्वेदी को वोट ना देकर कांग्रेस विधायक प्रतापसिंह खाचरियावास को अपना वोट दिया और उन्हें विजई बनाया.
देखते हैं अब अरुण चतुर्वेदी क्या नई राजनीति अपनाते हैं और आने वाले समय में विधायक बन पाते हैं या नहीं लेकिन अभी विधायक के रुप में कांग्रेस के उम्मीदवार प्रताप सिंह खाचरियावास सिविल लाइन विधायक है और वह विधायक बनने के समय से ही जनता के बीच में जा रहे हैं और वहां का काम करा रहे हैं और जनता के बीच में अपना जनसंपर्क बना रहे हैं.
तो यह था बीजेपी उम्मीदवार अरुण चतुर्वेदी के हारने का महत्वपूर्ण कारण जिससे लोगो के बिच में जनसम्पर्क नहीं बना पाए और हार गए. और ऐसी ही राजनैतिक खबरो के लिए बने रहिये और पड़ते रहिये भास्कर जगत न्यूज़।