दिल्ली :- हालही में एक सर्वे के अनुसार ये पता चला है की 38 की उम्र के बाद ज्यादातर पुरुष प्रोस्टेट की भयंकर समस्या से परेशान होते हैं। प्रोस्टेट ग्लैंड को पुरुषों का एक तरह से दूसरा दिल माना जाता है। पौरूष ग्रंथि शरीर में कुछ बेहद ही जरूरी क्रिया करती है। जैसे की यूरीन के बहाव को कंट्रोल करना । जैसे-जैसे पुरुष की उम्र बढ़ती है, वैसे वैसे यह ग्रंथि भी बढ़ने लगती है। इस ग्रंथि का बढ़ना बहुत हानिकारक होता है और इसे बीपीएच कहते हैं।
क्या होता है प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने पर
प्रोस्टेट ग्लैंड ज्यादा बढ़ जाने पर कई लक्षण सामने आते हैं जैसे मूत्र रूक-रूक कर आना, पेशाब करते समय तेज दर्द और जलन होना, प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ जाने से मरीज बार-बार पेशाब करने जाता है मगर वह यूरीन पास नहीं कर पाता। यही है प्रोस्टेट ग्लेंड
प्रोस्टेट का इलाज?
इस इलाज के लिए यह है सबसे बढ़िया और घरेलु उपाय जैसे सीताफल के बीज इस बीमारी में बेहद लाभदायक होते हैं। सीताफल के कच्चे बीज को अगर हर दिन अपने खाने में इस्तेमाल किया जाए, तो काफी हद तक यह प्रोस्टेट की समस्या से बचाव करने में मददगार होता है।
कच्चे सीताफल के बीज में काफी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जैसे आयरन, फॉस्फोरस, टि्रप्टोफैन, कॉपर, मैग्नेशियम, मैग्नीज, विटामिन के, प्रोटीन, जरूरी फैटी एसिड और फाइटोस्टेरोल। ये बीज जिंक के बेहतरीन स्रोतों में से एक माने जाते हैं। हर दिन 50 मिलीग्राम जिंक का सेवन प्रोस्टेट से जूझ रहे मरीजों में बेहद फायदा पहुंचाता है
कैसे करे इस्तेमाल
सीताफल के बीज कच्चा या भून कर या फिर दूसरे बीजों के साथ मिलाकर खा सकते हैं। इसे अपने हर दिन के खाने में शामिल किया जा सकता है। इसे सलाद में मिलाकर भी खाया जा सकता है। पोहा या सूप में मिलाकर भी खा सकते हैं।